ताजा खबर

‘कल बच्चे क्या करेंगे पता नहीं’, लद्दाख हिंसा पर बोले फारूक अब्दुल्ला

Photo Source :

Posted On:Friday, September 26, 2025

जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने लेह, लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने केंद्र सरकार को सलाह दी कि वे इस हिंसा से सबक लें और लद्दाख के लोगों की संवेदनशील मांगों को गंभीरता से स्वीकार करें। फारूक अब्दुल्ला ने इस मौके पर कहा कि लेह में हिंसा का कारण केंद्र सरकार द्वारा उनके वादों को पूरा न करना है, जिससे स्थानीय लोग बहुत निराश हैं।

लेह में जारी विरोध प्रदर्शन लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहे हैं। यह मांग लंबे समय से जारी है और इसके पीछे मुख्य कारण सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारों और सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़ी जरूरतें हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर के लोग भी 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से राज्य का दर्जा पुनः दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

फारूक अब्दुल्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार की नीतियों और अधूरे वादों को लेह में हुई हिंसा की मुख्य वजह बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने को लेकर भी आश्वासन दिए थे, लेकिन वे पूरे नहीं हुए। यही वजह है कि लोगों के मन में असंतोष पनपा है और वे अब अपनी आवाज उठाने के लिए हिंसक रास्ता अपनाने को मजबूर हुए हैं। फारूक ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा अहिंसात्मक गांधीवादी रास्ता अपनाया है और कभी भी हिंसा या तोड़फोड़ की नीति नहीं अपनाई।

उन्होंने लद्दाख में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक का भी जिक्र किया, जो लंबे समय से छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। वांगचुक ने भूख हड़ताल और दिल्ली तक नंगे पांव मार्च जैसे शांतिपूर्ण तरीके अपनाए हैं, लेकिन केंद्र सरकार की अनदेखी ने युवाओं के गुस्से को भड़काया, जिससे हिंसा की स्थिति उत्पन्न हुई।

अब्दुल्ला ने खासतौर पर सीमा क्षेत्र लद्दाख में चीन द्वारा अस्थिरता फैलाने के प्रयासों को लेकर चिंता जताई और केंद्र से आग्रह किया कि वे स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करें और तनाव कम करने के लिए उनके साथ ईमानदारी से संवाद स्थापित करें। उन्होंने कहा कि बिना स्थानीय समर्थन के सुरक्षा और विकास के प्रयास अधूरे रह जाएंगे।

लेह में हुई हिंसा के दौरान कई सरकारी संपत्तियों, पुलिस वाहनों और भाजपा कार्यालय को आग के हवाले किया गया। पुलिस को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी। रिपोर्टों के अनुसार, इस हिंसा में चार लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह घटनाक्रम लोगों की गहरी नाराजगी को दर्शाता है, जो सरकार के अधूरे वादों और उपेक्षा के कारण सामने आया है।

अंत में, फारूक ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार स्थानीय मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है, तो लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वे संवाद के जरिए समाधान खोजें और लोगों के भरोसे को फिर से जीतने का प्रयास करें, ताकि क्षेत्र में स्थिरता और विकास सुनिश्चित किया जा सके।


मेरठ, और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. meerutvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.