दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में पूरी की गई एक साल की ऑटोप्सी-बेस्ड ऑब्ज़र्वेशनल स्टडी में एक बड़ी राहत देने वाली बात सामने आई है। इस गहन अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि देश में युवा वयस्कों की अचानक होने वाली मौतों (Sudden Deaths) का COVID-19 वैक्सीनेशन से कोई भी संबंध नहीं है। इस तरह कोविड वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित होने की पुष्टि की गई है।
इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुख्य जर्नल इंडियन जर्नल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (IJMR) में प्रकाशित इस स्टडी का टाइटल है, 'युवा वयस्कों में अचानक मौत का बोझ: भारत में एक टर्शियरी केयर सेंटर में एक साल की ऑब्ज़र्वेशनल स्टडी'।
अंदरूनी बीमारी है मुख्य कारण
स्टडी में कहा गया है कि युवा वयस्कों में अचानक मौत एक बड़ी चिंता का विषय है, जिसके लिए खास पब्लिक हेल्थ स्ट्रेटेजी की ज़रूरत है। रिसर्च में अचानक मौत के मामलों के विस्तृत मूल्यांकन के लिए वर्बल ऑटोप्सी, पोस्ट-मॉर्टम इमेजिंग, कन्वेंशनल ऑटोप्सी और हिस्टोपैथोलॉजिकल जाँच का उपयोग किया गया।
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मौत का मुख्य कारण: स्टडी में पता चला कि मौत का सबसे आम कारण कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम से जुड़ा हुआ है। अंदरूनी कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ इसका मुख्य कारण बनी हुई है।
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अन्य कारण: इसके बाद मौत के कारण के रूप में सांस से जुड़े कारण और दूसरी नॉन-कार्डियक कंडीशन थीं।
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वैक्सीन की स्थिति: स्टडी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि COVID-19 वैक्सीनेशन की स्थिति और युवा आबादी में अचानक होने वाली मौतों के बीच कोई सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण संबंध (Statistically Significant Association) नहीं पाया गया।
युवा और ज़्यादा उम्र के दोनों ग्रुप में COVID-19 बीमारी का इतिहास और वैक्सीनेशन की स्थिति एक जैसी पाई गई, और कोई कारण-संबंध (Causality) स्थापित नहीं हुआ।
भ्रामक दावों को खारिज करने की ज़रूरत
नई दिल्ली के AIIMS के प्रोफेसर डॉ. सुधीर अरावा ने इस स्टडी के प्रकाशन को खास तौर पर ज़रूरी बताया। उन्होंने कहा कि गुमराह करने वाले दावे और बिना वेरिफाइड रिपोर्ट लगातार COVID-19 वैक्सीनेशन और अचानक होने वाली मौतों के बीच संबंध बताती हैं, जिससे लोगों में डर पैदा होता है।
डॉ. अरावा ने जोर देकर कहा कि:
"नतीजे ऐसे दावों का समर्थन नहीं करते हैं और साइंटिफिक, सबूतों पर आधारित रिसर्च को लोगों की समझ और बातचीत को गाइड करना चाहिए।"
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा कि जवान लोगों में अचानक मौतें, भले ही दुखद हों, अक्सर अंदरूनी, कभी-कभी बिना डायग्नोस की गई मेडिकल कंडीशन, खासकर कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से जुड़ी होती हैं। इसके लिए शुरुआती स्क्रीनिंग, लाइफस्टाइल में बदलाव और समय पर मेडिकल केयर जैसे फोकस्ड पब्लिक हेल्थ इंटरवेंशन की ज़रूरत होती है।
अब, जबकि COVID-19 वैक्सीनेशन के सुरक्षित होने की पुष्टि हो गई है, हेल्थ एक्सपर्ट्स का ध्यान उन बिना किसी वजह के होने वाली मौतों की और जाँच पर है, जिसके लिए विशेष पब्लिक हेल्थ स्ट्रेटेजी बनाने की जरूरत है।