मुंबई, 26 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक मंच पर ऊर्जा की तारीफ करने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर एक बार फिर पार्टी के भीतर आलोचना का सामना कर रहे हैं। थरूर के बयानों को लेकर पार्टी के कई नेताओं ने असहमति जताई है और अब तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने ‘एक्स’ पर तंज कसते हुए शिकारी पक्षियों का पोस्टर साझा किया है। टैगोर ने लिखा कि आजाद परिंदे को भी उड़ान भरने से पहले आसमान देखना पड़ता है क्योंकि बाज, गिद्ध और ईगल जैसे शिकारी हर वक्त शिकार की तलाश में रहते हैं। आजादी अब मुफ्त नहीं है, खासकर जब शिकारी देशभक्ति के पंख लगाकर उड़ते हैं। उनका यह बयान सीधे तौर पर थरूर के उस पोस्ट के जवाब में देखा जा रहा है, जिसमें थरूर ने लिखा था कि उड़ने की इजाजत मत मांगो, पंख तुम्हारे अपने हैं और आसमान किसी एक का नहीं है। थरूर ने हाल ही में एक लेख में लिखा था कि प्रधानमंत्री मोदी की ऊर्जा, उनकी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रियता और जुड़ने की इच्छा भारत के लिए एक संपत्ति है और उन्हें और अधिक समर्थन मिलना चाहिए। इस बयान को कांग्रेस की नीतियों के विरुद्ध देखा गया। पार्टी ने थरूर की बात से खुद को अलग करते हुए साफ कहा कि यह उनकी निजी राय हो सकती है, पूरी पार्टी की नहीं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी थरूर पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा कि वे थरूर की भाषा की प्रशंसा तो करते हैं, लेकिन पार्टी के लिए देश पहले है, कुछ लोगों के लिए शायद मोदी पहले हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पार्टी ने थरूर को कार्यसमिति का सदस्य बनाया है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे पार्टी की प्राथमिकताओं के अनुरूप बयान दें। शशि थरूर ने रूस की राजधानी मॉस्को में मीडिया से बातचीत में सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की अंतरराष्ट्रीय सक्रियता की प्रशंसा की, जो भारत के हित में है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विदेश नीति को लेकर राजनीतिक मतभेद सीमाओं तक ही सीमित रहने चाहिए और देशहित के मामलों में एकता होनी चाहिए। हालांकि कांग्रेस पार्टी का रुख इसके उलट है। पार्टी लगातार यह आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार की विदेश नीति विफल रही है और इससे भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हाल ही में ट्रंप सरकार द्वारा भारत यात्रा के लिए जारी की गई एडवाइजरी को देश के लिए शर्मनाक बताया और कहा कि सरकार को सख्त विरोध दर्ज कराना चाहिए। शशि थरूर इससे पहले भी पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों और कूटनीति पर ऐसी टिप्पणियां कर चुके हैं जो पार्टी लाइन से अलग हैं। इस स्थिति ने कांग्रेस के भीतर उनके रुख को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं और उनके पार्टी नेतृत्व से संबंधों में खटास की अटकलें भी तेज हो गई हैं।