मुंबई, 05 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग द्वारा कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर पर लगाए गए 10 हजार के जुर्माना आदेश पर रोक लगा दी है। यूनिवर्सिटी की ओर के वकील हिमांशु ठोलिया ने बताया, आवेदक ऋतु चौधरी ने एक भर्ती से जुड़े मामले में स्वंय और अन्य अभ्यर्थियों के स्कोर कार्ड और इंटरव्यू के अंकों की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी। यूनिवर्सिटी ने उसे सूचना देने से मना कर दिया। इस पर उसने राज्य सूचना आयोग में अपील दायर की। राज्य सूचना आयोग ने यूनिवर्सिटी को सूचना देने के आदेश दिए। आयोग के आदेश की पालना में यूनिवर्सिटी ने आवेदक को उसके हद तक की सूचना दे दी। वहीं, अन्य अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत सूचना देने से मना कर दिया। इस पर आयोग ने यूनिवर्सिटी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया और राज्य सरकार को प्रकरण की जांच के निर्देश दिए।
वहीं, यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया कि आरटीआई एक्ट की धारा 8 और 11 के तहत किसी भी व्यक्ति को थर्ड पार्टी और अन्य व्यक्ति की व्यक्तिगत सूचनाएं नही दी जा सकती हैं। अगर किसी तीसरे व्यक्ति की व्यक्तिगत सूचना मांगी गई है तो पहले उस व्यक्ति को इसकी सूचना देना आवश्यक है। यूनिवर्सिटी ने अन्य अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करके इस बारे में अवगत कराया गया था। लेकिन अभ्यर्थियों ने अपनी सूचनाएं साझा करने की सहमति नहीं दी। वहीं आयोग का यह कहना कि राज्य सरकार अपने स्तर पर प्रकरण की जांच करे। यह आदेश भी गलत है, यूनिवर्सिटी विधानसभा में पारित एक्ट के तहत संचालित होती हैं। हम राज्य सरकार के अधीन काम नहीं करते हैं। ऐसे में राज्य सरकार को यूनिवर्सिटी की जांच के लिए निर्देशित नहीं किया जा सकता हैं।