मुंबई, 27 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। चीन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए सेना के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया है। शुक्रवार को जनरल मियाओ हुआ, नेवी के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल ली हानजुन और चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन के डिप्टी चीफ इंजीनियर लियू शिपेंग को चीन की संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने पद से हटा दिया। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते की गई है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों अधिकारियों पर भ्रष्ट आचरण के गंभीर आरोप हैं। चीन की सरकार को आशंका है कि बढ़ता भ्रष्टाचार सेना की कार्यक्षमता को कमजोर कर सकता है, इसी कारण 2023 से सैन्य संस्थानों में व्यापक स्तर पर एंटी करप्शन ड्राइव चलाई जा रही है। इस मुहिम के तहत अब तक दस से अधिक जनरल और कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया जा चुका है। जनरल मियाओ हुआ, जो सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के सदस्य और इसके पॉलिटिकल वर्क डिपार्टमेंट के डायरेक्टर थे, को नवंबर 2024 से भ्रष्टाचार के मामलों में जांच के घेरे में लिया गया था। अप्रैल 2025 में उन्हें NPC से हटाया गया और अब CMC से भी बर्खास्त कर दिया गया है। मियाओ को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद चुना था और शी के शासन में उनका करियर तेजी से आगे बढ़ा था। मियाओ पार्टी की विचारधारा को सेना में लागू कराने और राजनीतिक अनुशासन बनाए रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
वहीं, वाइस एडमिरल ली हानजुन नौसेना में चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर थे और लियू शिपेंग चीन के न्यूक्लियर सेक्टर में डिप्टी चीफ इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। इन दोनों को भी NPC से हटा दिया गया है। इससे पहले भी चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन, और उनके पूर्ववर्ती ली शांगफू तथा वेई फेंगहे भ्रष्टाचार की जांच के चलते अपने पदों से हटाए जा चुके हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद से ही सेना को भ्रष्टाचार मुक्त करने की कोशिशें जारी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न सिर्फ सेना में अनुशासन और वफादारी सुनिश्चित करने का प्रयास है, बल्कि शी जिनपिंग की राजनीतिक पकड़ को और मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा भी है।