एक्टर सनी सिंह और अदिति सैगल या डॉट, की अनोखी जोड़ी पहली बार साथ में नजर आने वाली है फिल्म ‘डेसीबल: पास्ट हैज़ अ न्यू वॉइस’ में। यह जोड़ी जितनी अप्रत्याशित है, उतनी ही ताजगी से भरपूर भी लगती है। फिल्म का निर्देशन और निर्माण कर रहे हैं विनीत जोशी, जिन्होंने पहले एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म का निर्माण किया था। अब निर्देशन की पारी की शुरुआत करते हुए वह एक ऐसे विषय पर फिल्म ला रहे हैं जो हिंदी सिनेमा के लिए न केवल नया है, बल्कि काफी प्रयोगधर्मी भी है।
फिल्म की कहानी एक साउंड-सेंसेटिव इन्वेस्टिगेशन पर आधारित है, जहाँ ‘आवाज़’ एक अहम किरदार निभाती है। टैगलाइन "Past Has A New Voice" यह संकेत देती है कि अतीत अपनी छुपी हुई परछाइयों को आवाज़ों के माध्यम से वापस ला सकता है। यह कॉन्सेप्ट इंटरनेशनल थ्रिलर्स से प्रेरित लग सकता है, लेकिन निर्देशक इसे भारतीय संवेदनाओं और सामाजिक संदर्भों से जोड़कर नया आयाम देने की कोशिश कर रहे हैं। तकनीकी दृष्टिकोण से भी यह फिल्म हिंदी सिनेमा में कुछ नया कहने की संभावना रखती है।
अभिनय की बात करें तो सनी सिंह अपने अब तक के हल्के-फुल्के किरदारों से अलग एक गंभीर रूप में नजर आएंगे। जहां प्यार का पंचनामा 2 और सोनू के टीटू की स्वीटी जैसी फिल्मों ने उन्हें लोकप्रिय बनाया, वहीं डेसीबल उनके करियर को नई दिशा दे सकती है। दूसरी ओर, इंडी म्यूजिक आर्टिस्ट डॉट (Aditi Saigal) इस फिल्म से एक्टिंग डेब्यू कर रही हैं। उनका अब तक का संगीत करियर काफी प्रभावशाली रहा है, और अब देखना होगा कि परदे पर वे कितनी सहजता से अभिनय कर पाती हैं। सहायक भूमिकाओं में अलका आमिन, अतुल श्रीवास्तव और अक्ष पर्डसानी जैसे मंजे हुए कलाकार फिल्म को और गहराई देंगे।
‘डेसीबल’ का सबसे खास पहलू उसका साउंड-सेंसिटिव नैरेटिव है, जो इसे पारंपरिक थ्रिलर्स से अलग बनाता है। रहस्य की परतों को हल करने के लिए यहां ‘आवाज़’ खुद सुराग़ बनती है—यह एक अनोखा प्रयोग है। क्या यह फिल्म हिंदी सिनेमा में नई विधा को जन्म देगी या केवल एक प्रयोग बनकर रह जाएगी, यह तो समय बताएगा। लेकिन अपनी कास्टिंग, विचार और शैली के चलते यह फिल्म पहले ही दर्शकों की रुचि का केंद्र बन चुकी है।