नेशनल अवॉर्ड जीतना किसी भी कलाकार के लिए एक सपना होता है, लेकिन जब ये सफलता मेहनत, सच्चाई और विनम्रता के साथ मिलती है, तो उसका प्रभाव कहीं गहरा होता है। विक्रांत मैसी ने हाल ही में फिल्म '12वीं फेल' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता, और इसके बाद उन्होंने जो शब्द सोशल मीडिया पर शेयर किए, उन्होंने यह साबित कर दिया कि असली नायक पर्दे पर ही नहीं, ज़िंदगी में भी होते हैं।
विक्रांत ने अपने पोस्ट में लिखा, "उम्मीद है कि तहे दिल से एक छोटा सा शुक्रिया काफी रहेगा"। यह एक साधारण वाक्य नहीं, बल्कि उनकी विनम्रता और दर्शकों के प्रति उनके आभार का प्रतीक है। वे उन चंद कलाकारों में से हैं, जो सफलता मिलने के बाद और भी ज़मीन से जुड़ जाते हैं। उनका यह अवॉर्ड न केवल उनके अभिनय का सम्मान है, बल्कि उन लाखों युवाओं की उम्मीद का भी प्रतीक है, जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर निकलते हैं।
इस सफलता के पीछे एक और मजबूत स्तंभ है — उनकी पत्नी शीतल ठाकुर। शीतल ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "जब भी मुझे लगता है कि मैं आप पर इससे ज्यादा गर्व नहीं कर सकती, तो आप मुझे प्राउड फील करवाने का एक और रीजन दे देते हैं।" यह एक ऐसे रिश्ते की झलक है, जिसमें प्यार के साथ-साथ गहरा सम्मान और समर्थन भी है। शीतल न केवल एक जीवनसाथी हैं, बल्कि विक्रांत की सबसे बड़ी चीयरलिडर भी हैं।
विक्रांत मैसी की यह कहानी हमें सिखाती है कि संघर्ष, समर्पण और सच्चाई से सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है। '12वीं फेल' की कहानी जितनी प्रेरणादायक थी, विक्रांत की असल ज़िंदगी की यात्रा भी उतनी ही भावनात्मक और प्रेरक है। यह अवॉर्ड केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उस भरोसे का प्रमाण है कि अगर इरादे सच्चे हों, तो सफलता ज़रूर मिलती है — और वो भी ऐसी, जो दिलों में जगह बना ले।