अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति भरे संकेत दिए हैं। उन्होंने घोषणा की है कि बहुत जल्द पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और एक फील्ड मार्शल वाशिंगटन दौरे पर आने वाले हैं, और दोनों के लिए व्हाइट हाउस में स्वागत की तैयारी की जा रही है।
ओवल ऑफिस में बड़ी घोषणा
ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस से कहा:
“हमारे पास एक महान नेता आ रहे हैं — पाकिस्तान का प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल। वे आ रहे हैं, और यह संभव है कि वे इसी कमरे में हों।”
उन्होंने दोनों हस्तियों की तुलना “महान व्यक्ति” से करते हुए सम्मान व्यक्त किया। इस बयान से यह स्पष्ट है कि ट्रंप इस दौरे को राजनीतिक और प्रतीकात्मक महत्व देना चाहते हैं।
दौरे की रूपरेखा
व्हाइट हाउस की घोषणाओं के अनुसार, शहबाज शरीफ यूएन महासभा में भाग लेने के बाद वाशिंगटन पहुंचेंगे। इसके बाद वे बंद कमरे की बैठक करेंगे, जिसमें अमेरिकी नेतृत्व उन्हें स्वागत करेगा। यह दौरा ट्रंप प्रशासन के लिए पाकिस्तान पर भरोसा और द्विपक्षीय संबंधों की गहराई का संकेत माना जा रहा है।
23 सितंबर को शहबाज ने ट्रंप और आठ अन्य इस्लामी देशों के नेताओं के बीच हुई बैठक में हिस्सा लिया था। उस वक्त भी अनौपचारिक चर्चाएँ हुई थीं, जिनमें पाकिस्तान की भूमिका और क्षेत्रीय तनाव पर चर्चा हुई थी।
ट्रंप का पाक प्रेम — पीछे क्या मंशा?
ट्रंप की ओर से पाकिस्तान को “महान नेता” कहकर बुलाना मात्र शिष्टाचार नहीं लगता। मीडिया और विश्लेषक इस रुख को निम्न कारणों से जोड़कर देख रहे हैं:
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नोबेल नामांकन की उम्मीद — कहा जा रहा है कि ट्रंप इस तरह की सभ्यता और वार्तालाप को दिखाकर शांति समर्थक नेता के रूप में अपनी छवि सुधारना चाहते हैं।
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दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में रणनीतिक साझेदारी — पाकिस्तान को अमेरिका का सहयोगी बनाना रणनीतिक दृष्टि से अहम हो सकता है।
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अंतर्राष्ट्रीय दबाव संतुलन — ट्रंप यह संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका किसी एक देश के साथ अड़ियार रवैया नहीं रखेगा।
विदेश नीति और बयानबाजी में सामंजस्य की चुनौती
हालांकि ट्रंप ने खुद कोई विशेष नीति विवरण नहीं दिया, लेकिन उनका रुख स्पष्ट है — संबंधों को सहज रखना और विरोधाभासी बयान देने से बचना।
पाकिस्तान की यात्रा को लेकर इस बयान से यह संभावना है कि ट्रंप भारत, चीन, भारत-पाकिस्तान तनाव, या स्थानीय आतंकवाद एवं सुरक्षा जैसे विषयों को लेकर भी चर्चा करेंगे।
निष्कर्ष
शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल की अमेरिका यात्रा को ट्रंप द्वारा “महान नेता” बताना न सिर्फ राजनीतिक संकेत है बल्कि संकेत देता है कि ट्रंप पाकिस्तान के प्रति एक दोस्ताना रुख दिखाना चाहते हैं।
अक्सर विरोधाभासी बयान देने वाले ट्रंप के लिए यह कदम यह संदेश भी हो सकता है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांतिप्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं। लेकिन असली परीक्षा होगी कि इस दौरे के दौरान क्या घोषणाएं होंगी और क्या इस दूरी के बावजूद दोनों देशों के बीच विश्वसनीयता कायम रहेगी।